भारत मे करीब 60% की जनसंख्या ग्रामीण है, जो कि अपने जीवन यापन के लिए कृषि पर निर्भर रहती है | एक किसान को अपनी फसल उगाने मे बहुत सी कठिनाइयो का सामना करना पड़ता है और उगाने के बाद उसे बचाने मे भी बहुत सी दिक्कतो का सामना करना पड़ता है और उसके बावजूद भी उसकी मेहनत की रकम नही मिल पाती है जिसके कारण किसानो को बहुत नुकसान होता है | किसानो को नुकसान से बचाने के लिए स्वामी श्रद्धानंद महाविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय एक नयी पहल कर रहा है जिससे किसानो को अधिक से अधिक मुनाफ़ा होगा |
स्वामी श्रद्धानंद महाविद्यालय ने इसके लिए पहले ही एक योजना बना ली है| शुरुआती चरण मे यह एक गॉव को पाइलट प्रॉजेक्ट के रूप मे लिया हॅ | दिल्ली के करीब ही बसे पीपली गॉव (खरखोडा के पास ) को पहले चुना गया है ताकि किसानो को इसका उपयोग कराते हुए यह पता कर ले कि उन्हे अपनी फसल को किस मॅंडी मे बेचकर अधिक मुनाफ़ा होगा, साथ ही साथ किसान अपने फसलो को किसी भी थर्ड पार्टी ( होटल, रेस्तराँ, ढाबा, इत्यादि ) को सीधे बेच सकते है ताकि किसानो को अधिक मुनाफ़ा हो सके| इस तरह की भी सुबिधा होगी उनके वेबसाइट /एप मे|
किसान कम समय मे मॅंडी कैसे पहुचे और रास्ते मे आने वाले पेट्रोल पंप आदि के बारे मे जानकारी होनी चाहिए इस बात को ध्यान मे रखते हुए स्वामी श्रद्धानंद महाविद्यालय अपना खुद का एक भू-स्थानिक तकनीकी का उपयोग करके एक नक्सा बनाया जो नेवीगेसन के काम आएगा जिससे किसानो को कम खर्च या कम समय मे मॅंडी पहुचने मे मदद मिलेगी तथा रास्ते मे आने वाले होटेल, ढाबा, पेट्रोल पंप, सी. एन. जी. गैस स्टेशन और बेंक ए. टी. एम. की भी जानकारी होगी ताकि किसानो को किसी भी समस्या से जूझना ना पड़े|
स्वामी श्रद्धानंद महाविद्यालय के शिक्षक ( डॉ. दलजीत सिंह, डॉ. मुकेश राणा, डॉ. अजय कुमार) के साथ कुछ विधयार्थी ( दिवाकर पराशर
जितेंदर प्रसाद , कृशन कुमार, मोहित , मुकुल ,नीतेश कुमार, राहुल च्चिल्लर, ऋषभ राणा , श्याम कुमार व विकास ) मेंटर मि. स्वर्ण सिंह जग्गी ( मेनेजिंग. डाइरेक्टर. विन टेक्नालजी प्रा. लि. दिल्ली ) और स्वामी श्रद्धानंद महाविद्यालय के प्राचार्य के देख रेख मे यह काम कर रहे है | जिसके अनर्गत किसानो को कम खर्च मे अधिक मुनाफ़ा हो तथा मार्च के अंत तक अपने वेबसाइट और एप को भी लॉंच कर देने का प्लान बना लिया है | एनके दवारा किसानो को कम खर्च मे फसल बीमा, बीज व खाद एत्ाधि की भी जानकारी मिलेगी | कुल मिला कर देखा जाए तो स्वामी श्रद्धानंद महाविद्यालय ने किसानो के लिए कम खर्च मे अधिक से अधिक मुनाफ़ा कमाने का तरीका खोज निकलना चाहते है | इस प्रॉजेक्ट के लिए स्वामी श्रद्धानंद महाविद्यालय ने अपने आप को दिल्ली विश्वविद्यालय के इनोवेशन सेल का भी आभार प्रकट किया है |