मेवात को उर्दू का सेंटर नहीं , विश्वविद्यालय चाहिये : मेवात राइट्स वाच

मेवात,हरियाणा:
क्या मुख्यमंत्री ने पहले से चल रहे मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के सेंटर की विधानसभा मे झूठी घोषणा की ?सामाजिक संस्था ‘मेवात राइट्स वाच’ ने मेवात यूनिवर्सिटी की मांग को लेकर आगे की रणनीति बनाने के लिये बैठक का आयोंजन किया. जिसमें इस बात पर रोष प्रकट किया गया कि हरियाणा  सरकार ने पिछले हफ्ते तीन और विश्वविद्यालय जींद, भिवानी और सोनीपत मे बनाने की घोषणा की, लेकिन मेवात को फिर से छोड़ दिया गया. जबकि मेवात यूनिवर्सिटी की मांग करीब 30 साल पुरानी है.इससे पहले कुछ महीने पहले रेवाड़ी, गुड़गाँव में भी तीन यूनिवर्सिटी बनाई गई हैं और अभी महेन्द्रगढ़ में केन्द्रिय विश्वविदलय का उद्घाटन राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा किये जाने की खबर आई.इससे भी ज्यादा अफसोस की बात यह है कि सरकार ने मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के
जिस सेंटर की घोषणा विधानसभा में की वो पहले से ही  सन् 2006 से चल रहा है.उसकी कक्षाएं वाई एम डी कॉलेज नूह मे लगती हैं  और इसमें दूरस्थ कोर्सेस की ही सुविधा है. तथा एक मॉडेल स्कूल भी इस रीजनल सेंटर के अधीन चल रहा है.इसके लिये हाल ही मे सरकार ने मौलाना आज़ाद फाउंडेशन को 17 एकड जमीन लीज़ पर दी है और इस  सेंटर का राज्य सरकार से कोई वास्ता नहीं है. लेकिन सरकार इसी को यूनिवर्सिटी की तरह पेश कर रही है.डाक्टर शाहबुद्दीन  एवं साजिद ने बताया की समाचर पत्रों से पता चला है कि सरकार एक निजी विश्‍विद्यालय , अलफलाह यूनिवर्सिटी को ही अल्पसंख्यक विश्वविद्याल्य
के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रही है.हफ़ीज़ इंजिनियर  का  कहना है क़ि आज विज्ञान व तकनीकी शिक्षा का जमाना है,उर्दू पढने के लिये तो मेवात में पहले से ही बहुत सारे मदरसे चल रहे हैं. मेवात को जामिया मिलिया और अलीगढ़ की तर्ज पर यूनिवर्सिटी की जरूरत है. सिर्फ उर्दू यूनिवर्सिटी के सेंटर से कोई ज्यादा फायदा नही होने वाला उर्दू के बढ़ावे के लिये तो यूनिवर्सिटी में एक उर्दू का डिपार्टमेन्ट होगा जिसमें पी एच डी तक की सुविधा होगी.

शहज़ाद राजका एवं  वसीम अकरम ने कहा कि मेवात यूनिवर्सिटी का अपना बोर्ड होगा तो, मेवात के मदरसे भी उससे मान्यता ले सकते हैं और मदरसों में पढने वाले छात्र भी सरकारी नोकरियों एवं उच्च शिक्षा हासिल करने के लिये पात्र होंगे। रघुवीर का कहना था कि मेवात यूनिवर्सिटी किसी खास जाति या धर्म की मांग नही है,ये पूरे मेवात क्षेत्र के लोगो का सपना है.‘मेवात राइट्स वाच’ की मेवात  के लोगों से अपील है कि वो उर्दू के रीजनल सेंटर के 5 मार्च को होने वाले उद्‌घाटन समारोह का बहिस्‍कार करें और मेवात यूनिवर्सिटी तुरंत खोलने की मांग करे.अगर सरकार मेवात यूनिवर्सिटी की घोषणा तुरंत नही करती है तो हमें अपने हक के लिये आन्दोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा.इस मोके पर हफ़ीज़, इक़बाल, डाक्टर शाहबुद्दीन, ज़ाकिर,शाहिद,फारूख,साजिद, सरफ़राज़ , आरिफ आदि मोजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *