मात्र 3 दिन बाद आज़ादी दिवस है जिसे स्वतंत्रता दिवस भी कहते है। पढ़ा और सुना है की उस दिन देश आज़ाद हुआ था।एक भारतीय को कई तरह के अधिकार मिले थे जिसकी सहायता से वह अपनी बात कही पर भी कह व लिख सकता है। लेकिन सच्चाई किताबी बातो से कोषो दूर है। कल जो काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हुआ वह आज़ाद भारत पर कलंक है। BHU के कुछ छात्रो को पुलिस की मदद से सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योकि वह कोई पर्चा बाँट रहे थे जिसमे RTI द्वारा मांगे गए कुछ फैक्ट थे।
जहाँ तक मेरी समझ व जानकारी है “BHU” हिंदुस्तान का ही भाग है जहाँ भारत सरकार द्वारा दिए गए वे सभी अधिकार लागू होने चाहिए। लेकिन जब से कर्नल VC जीसी त्रिपाठी आये है माहौल तानाशाही हो गया है उनकी कृपा से कैंपस में आसमान का बादल भी एक ही रंग में बरसता है।
नए छात्रो का इस अलोकतांत्रिक परिसर में स्वागत है जहाँ आप अपनी बात कहना तो दूर लिख व सोच भी नही सकते। जहाँ निजी फायदे के लिए आपको बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है जो हाल में ही सैकड़ो संविदा शिक्षको तथा कर्मचारियों के साथ हुआ। जहाँ अगर आप लाइब्रेरी तथा भ्रष्टाचार जैसी बाते उठाएंगे तो सीधे निष्कासन/ निलंबन मिलेगा तथा अपनी बात दुसरो से साझा करते हुए पाये गए तो जेल मिलेगा ।
24×7 लाइब्रेरी आंदोलन से जुड़े छात्र कल स्वतन्त्रता भवन के समीप बीएचयू से जुड़े विभिन्न मामलों पर पर्चा बाँट रहे थे, वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने वॉइस चांसलर और चीफ प्रॉक्टर के निर्देश पर छात्रों से उलझ गए, उनसे गाली गलौज करने लगे, जब छात्रों उनका विरोध किया तो लंका पुलिस बुलाकर वीसी के निर्देश पर छात्रों को लंका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, गिरफ्तार छात्र ‘वॉइस चांसलर मुर्दाबाद’, ‘वीसी गो बैक’ नारे लगा रहे थे। गिरफ्तार छात्रों में निलम्बित छात्र विकास सिंह, शांतनु सिंह, अतुल यादव, प्रियेश पाण्डेय रोशन पाण्डेय थे।
छात्रों को लगभग 2 घण्टे लंका थाने में रखा गया था, गिरफ्तारी की सुचना पर थाने पर छात्रों छात्र नेताओं का जमावड़ा लग गया।लंका थाने में कांग्रेस नेता शैलेन्द्र सिंह, बनारस युवा कांग्रेस के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, आइसा की सरिता पटेल, कमलेश यादव, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष विकास सिंह, ओम शुक्ला , समाजवादी छात्रसभा के प्रदेश सचिव विकास यादव समेत सैकड़ो लोग लंका थाने पर मौजूद थे। गिफ्तारी के विरोध में बीएचयू से पहुंचे छात्रो ने बीएचयु प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली के खिलाफ जमकर नारे लगाये।