खबर प्यार मे : पत्रकार का प्यार

क्या बात है मीडिया वाले हो गए हो!  अब तुम्हारा प्यार TRP वाला तो नही हो जायेगा?
 तुम भी कैसी बात करती हो! 

देखो तुम मुझे लव लैटर जब लिखना तो उसमें ओम थानवी जैसी गंभीरता और गज़ब की बात , इंडियन एक्सप्रेस जैसी विश्वसनीयता हो , जनसत्ता सी आलोचना हो , थोड़ा हिंदुस्तान जैसा पक्ष में हो.
तुम्हरी बाते रवीश की तरह छेड़े मुझे लेकिन कभी अर्णब सा गुस्सा मत करना , और सुधीर जैसा हरदम पक्ष में मत रहना कभी कभी अभय दुबे बन जाना , तुम विनीत जैसी आलोचना करना अच्छा लगता है तुम्हरी जानकारी भरी डाट सुनने में ,देखो राजदीप जैसे लड़ाई मत करना गुस्से पर काबू रखना योगेन्द्र की तरह ,मेरा हाथ तुम पुण्य प्रसून सा पकड़ना जो हरदम रगड़ता रहे , देखो कभी किशोर अडवाणी सा प्यार के न्यूज़ रूम में भागते मत रहना , दिबांग की तरह एक जगह बैठे रहना.
अरे तुम भी कुछ सुन लो अब मेरी देखो ऐसे मत बोलना अंजना की तरह की डर जाऊ , तुम निधि कुलपति की तरह साड़ी पहनना , और तुम्हारा मन करे तो बरखा टाइप भी हो जाना मुझे कोई दिक्कत नहीं.

 

चलो तुम मुझसे वैसे प्यार करना जैसे इंडिया टीवी और ज़ी न्यूज़ बीजेपी से करता है ,देखो तुम मुझे आजतक सा आगे रखना  , प्यार की हर बात को ब्रेकिंग मत बना देना एबीपी की तरह ,तुम मुझसे वैसे ही सवाल पूछना जैसे रजत शर्मा मोदी से पूछते है प्यार भरे ,  देखो प्यार में जिंदल और सुधीर जैसा कोई स्टिंग मत करना ,

 तुम प्यार में कुछ विनीत सा कुछ रवीश सा लिखते रहना , तुम भी बस तवलीन जैसा कुछ मत लिखना , तुम थोडा साई नाथ सा सीरियस जरूर लिखना प्यार में , चलो अब पत्रकारिता बंद करते है कही पत्रकारों को प्यार न हो जाये….

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