पांच दलित छात्र अपना कमरा खाली कर कहीं दूर जगह ढूंढने पर हुए मजबूर वो भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में। कहना है की याकूब मेमोन की फांसी का किया था विरोध।
CounterCurrents के अनुसार Ambedkar Stundents Association ने जब “ मुज़फ्फरनगर बाक़ी है “ को दिखने की कोशिश की थी तब ABVP ने उसे रोकने का प्रयास किया, दोनों दलों में तनाव इतना भड़ गया की ABVP ने आपत्तिजनक बयानों से ASA के छात्रों पर हमला किया। ASA ने ABVP से लिखित माफ़ी की मांग की और दुसरे छात्रों की ज़िद्द से उनको माफ़ी पत्र देना पड़ा जिसको बाद में RSS- ABVP ने एक मुद्दा बनाया और ASA के छात्र नेताओं को जूठे मुद्दों पर निकालने का दबाव VC पर बनाया। VC ने मामले की जांच के लिए एक कमिटी घटित की जिसमें छात्रों को निर्दोष पाया गया। फिर भी दबाव में आकर VC ने उन्हें निकालने का आदेश दे दिया परन्तु अन्य छात्रों के विरोध के कारण ये फैसला कुछ समय तक के लिए रोक दिया गया।
Mr. Apparao, जिनको BJP ने पिछले VC Mr.Sharma की रिटायरमेंट के बाद नियुक्त किया था को Secunderabad MP और Minister of Labour and एम्प्लॉयमेंट Mr. Bandaru Dattatreya का पत्र मिला जिसमें उन छात्रों का याकूब की फांसी का विरोध जैसी अन्य ‘राष्ट्रविरोधी गतिविधियों’ में शामिल होने का समर्थन किया हुआ था और उन्हें तुरंत निकाले जाने की मांग राखी हुई थी
नए VC ने बिना जांच पड़ताल के उन पांच दलित छात्रों को Hostel से निकाल दिया।