बरेली के नौजवान दे रहे समाज में एकता और मोहब्बत का पैगाम

देश की एक संस्था यूथ फॉर इंडिया समाज को मोहब्बत का पैगाम दे रही है, लोगो को जोड़ने का काम कर रही है। समाज में फैली धर्म और जातं के नाम पर नफरत को मोहब्बत में बदलने का काम कररही है। देश के अंदर अमन का माहौल बनाना ज़रूरी है और इसके लिए यूथ फ़ॉर इंडिया ने बेडा उठाया है कभी तीर्थ यात्रियो को पानी पिलाना कभी मंदिर के बाहर लोगो को फूल बाँट कर  मोहब्बत का पैगाम देना,जुलूसों में आपातकालीन दवा देना यह काम इस संस्था के लोग करते दिख जाते हैं।
सोशल मीडिया एक तस्वीर बहुत वायरल हुई थी कि कुछ नौजवान मंदिर के बाहर लोगों को फूल बांटते नजर आ रहे थे यह काम यूथ फार इंडिया ने कर कर के देश के अंदर एक मोहब्बत का संदेश दिया था ताकि लोगों में फैली नफरतें कम हो सके।  भारतीय सेना का हौसला बढ़ाने के लिए इस संस्था ने 2000 पोस्टकार्ड अभियान भारतीय सेना हौसला अफजाई के लिए भेजे थे  और ठंड के मौसम में बिना किसी का धर्म देखें गरीबों को कंबल और गर्म कपड़े बटते भी यह लोग अक्सर नजर आए जिसमें लिखा था हम तुम्हारे साथ हैं इसी तरह जब बात देश के हालात की होती है तो भी यह पीछे नहीं हैं। 
देश के गरीब इलाको के बुरे हाल है और गरीब जैसे तैसे पेट पालते है जहाँ देश की 27% आबादी भूखी  सोती है तो बच्चों को शिक्षा कहां से मिलेगी गरीबो के बच्चे अक्सर होटल और ढाबो में बर्तन धोते नज़र आते है एसे माहौल में हालात बेहद खराब है और अगर इंसान को आगे बढ़ना है तो इसके लिए शिक्षा का स्तर अच्छा करना होगा इसके लिये गरीब बस्तीयों और पिछड़े इलाको में लोगो को पढ़ाना शुरू करना होगा।
ऐसे ही एक काम के लिये उत्तर प्रदेश के जिला बरेली के रहने वाले कुछ नौजवानों और उनकी टीम ने इस काम के लिये ज़िम्मेदारी उठायी है ,जो तारीफ के काबिल है एक छोटे से कमरे से शुरू हुई एक संस्था बहुत जल्दी देश के अलग अलग जगहों पर काम कर रही है।  दो युवा छात्र फाहत खान जो की ( एल एल बी) के और साइम इसरार ( ऍम बी ए ) के छात्र है उनकी संस्था यूथ फ़ॉर इंडिया जिस का नारा है (मौहब्बत का पैगाम ) की पहल से समाज को शिक्षा की और लाने के लिये मुहीम से नयी रौशनी की उम्मीद नज़र आरही है बरेली और अन्य जिलों में।

युथ फ़ॉर इंडिया की तरफ से गरीब बच्चो के लिए पुस्तकालय खोला जा रहा है जिसमे गरीब और आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चो को पढ़ने के लिये किताबे मिलेंगी यह एक बड़ी पहल है हमारी बात संस्था के अध्यक्ष फाहत खान से हुई और हमने इस बारे में उनसे जानकारी ली उन्होंने हमें बताया कि देश की 75 परसेंट आबादी युवा है जिसमें से 35 पर्सेंट युवा स्कूल नहीं जा पाते हैं हम लोग उन को शिक्षा देने का काम कर रहे हैं कोशिश कर रहे हैं कि हर घर में शिक्षित लोग हो जिससे कि हम एक शिक्षित समाज बना सकें जो इस देश की तरक्की में भागीदारी कर सकें हम अलग-अलग जिलों में अपनी टीम तैयार कर रहे हैं ताकि बहुत जल्द हम पूरे देश में एक शिक्षा का महल पैदा कर सकें ।

संस्था के उपाध्यक्ष साइम इसरार ने बताया शिक्षा के साथ-साथ देश के अंदर मोहब्बत और भाईचारे का भी माहौल जरूरी है जब तक आपस में एकता नहीं होगी तब तक इस देश का विकास असंभव है, हमारी संस्था शिक्षा के साथ-साथ भाईचारे का भी संदेश देती है ताकि हम धर्म और जातिवाद से ऊपर उठकर देश की तरक्की में अपना योगदान दें ,हमारी टीम अभी फिलहाल बरेली में पुस्तकालय की शुरुआत करने जा रही है बहुत जल्द जहां जहां हमारी टीम है वह इस काम को अंजाम देंगे। 

जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्र फैज़ान अहमद दिल्ली इकाई के अध्यक्ष हैं उनका कहना है कि हम पिछड़े क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरुक करने का काम कर रहे हैं इस मुहिम का नाम शिक्षा की ओर भारत इसलिए दिया गया है ताकि समाज से बुराइयां दूर हो सकें और वह तभी संभव है जब हमारी आने वाली पीढ़ी शिक्षित होगी इसके लिए हमें तैयारी अभी से करनी है हम चाहते हैं इस देश में युवा इस तरीके की जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर उठाएं और शिक्षित भारत का निर्माण करें यूथ फॉर इंडिया जुल्म और अन्याय के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्र संगठन और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संगठन के साथ मिलकर छात्र नजीब के हक की आवाज उठाई इस वजह से एक छोटी सी संस्था अचानक देश की मीडिया की सुर्खियां बन गई इसका यही कारण है कि उन्होंने एक ऐसा काम कर रहे हैं जोकि देश देशहित और समाज हित के लिए बहुत जरूरी है यह संस्था अलग-अलग जिलों में गरीब और लाचार लोगों के लिए कानूनी सलाह बिना किसी शुल्क के देने के लिए भी काम कर रही है जिसमें अलग-अलग जिलों में वकीलों की टीम बन गई है और टीम का विस्तार किया जा रहा है ताकि एक जागरूक समाज और अमनपसंद माहौल पैदा हो सके इस समय बरेली के साथ-साथ दिल्ली अलीगढ़, लखनऊ, नागपुर ,पीलीभीत, हल्द्वानी, सितारगंज, पटना और अंय कई जिलों में काम कर रही है

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