टापर्स घोटाले के बाद,बिहार बोर्ड का विकेंद्रीकरण

बिहार बोर्ड का विकेंद्रीकरण होगा।सभी नौ प्रमंडल मुख्यालयों में इसका क्षेत्रीय कार्यालय बनेगा ।यही ज्यादा से ज्यादा जिलों की काॅपियों का मूल्यांकन होगा ।
ऐसा बोर्ड की कार्यप्रणाली मे पारदर्शिता लाने के लिए किया जा रहा है ।इसका प्रस्ताव तैयार है।जल्द ही इस पर अंतिम मुहर लग जाएगी ।इंटर टाॅपर्स घोटाले के बाद बिहार बोर्ड में सुधार की दिशा में यह सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है ।

प्रस्ताव के अनुसार पांच प्रमंडलों पटना ,दरभंगा ,गया ,मुजफ्फरपुर और भागलपुर में पाँच तल्ला भवन बनाए जाएंगे ।चार प्रमंडल पूर्णिया ,सारण ,मुंगेर और सहरसा में चार तल्ला भवन बनाए जाएंगे ।पाँच तल्ला भवन निमार्ण में दस करोड़ रुपये खर्च होंगे ।वहीं चार तल्ला भवन में छह करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्रस्ताव है ।इस परीक्षा हाॅल 20 हजार स्क्वायर फीट बनाए जाएंगे ।

बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने सभी प्रमंडल मुख्यालय के डीएम को दो दिनों के अंदर जमीन अपलब्ध कराकर सूचना देने को कहा है ।दरभंगा के डीएम ने जमीन उपलब्ध कराने का पत्र भी फैक्स के माध्यम से भेज दिया है ।इसके अलावा अन्य डीएम ने जल्द ही सूचित करने की बात कही है ।
बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय सह परीक्षा केन्द्र को जिले के माॅडल परीक्षा केन्द्र के रूप मे विकसित किया जाएगा ।इस परीक्षा केन्द्र पर हर तरह की सुविधा होगी ।यहाँ चार-पाँच हजार छात्रों की परीक्षा ली जा सकेगी ।विकलांग छात्रों के लिए अलग कमरा होगा ।

वैशाली के विशुन राय कॉलेज में तीन दशकों से पास कराने और नंबर बढवाने का खेल चल रहा था ।इसका खुलासा एसआईटी के हाथ लगी एक चिठ्ठी से हूआ है ।कम नंबर आने पर एक छात्र ने यह चिठ्ठी कॉलेज के तत्कालीन सचिव राजदेव राय को लिखी थी ।
गौरतलब है कि राजदेव राय टाॅपर घोटाले के आरोपी बच्चा राय के पिता हैं । इस मुद्दे से ये भी उजागर हो रहा है कि शैक्षिक केन्द्रों मे भी जम के परिवारवाद हो रहा है ।
एक पेज की मिली चिठ्ठी तीन दशक से ज्यादा पुरानी है ।इस चिठ्ठी  ये उजागर हो रहा हैं कि तीन दशक पहले से पैसा लेकर छात्रों को प्रथम श्रेणी से पास कराने और नंबर बढ़वाने का खेल चल रहा था ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *