क्या दिल्ली सरकार गेस्ट टीचर्स से किये वादे पुरे करेगी ?

दिल्ली के सरकारी स्कूलों मे कार्यरत गेस्ट टीचर्स दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा किये गए वादों को पूरा करने के लिए सघर्षरत है परंतु दिल्ली सरकार अतिथि अध्यापकों की आवाज़ को दबाने का प्रयास कर कर रही है। कल दिल्ली के जंतर मंतर पर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध मे राष्ट्रीय स्तर रैली मे हज़ारो की संख्या मे अतिथि अध्यापको ने पहुँचकर वादा खिलाफी का जमकर विरोध किया। अतिथि अध्यापक इतने ज्यादा उतेज़ित थे की उन्होंने उपमुख्यमंत्री मनीष शिशोदिया की बातों को भी अनसुना कर दिया क्योकि शिक्षा मंत्री द्वारा लगातार दिए जा रहे आस्वासन सिर्फ आस्वासन बन कर रह गए हैं। शिक्षा मंत्री मे अतिथि अध्यापक की समस्या के समाधान की बात करते है परन्तु कोई लिखित आदेश जरी नहीं किया जाता। अतिथि अध्यापको का कहना है की 10 मई को सभी अतिथि अध्यापको को नौकरी से हटा दिया जायेगा। परंतु शिक्षा विभाग द्वारा कार्यरत अतिथि अध्यापकों को 1 जुलाई से अनुबन्ध को जारी रखने के लिखित आदेश जारी नहीं किया गया। जिस से अतिथि अध्यापको मे गहरा असन्तोष व्यापत है जबकि शिक्षा मंत्री बार बार शिक्षको की योग्यताओं पर प्रशनचिन्ह लगाकर उनकी उपलब्धियों पर भी संदेह पैदा कर पूरी व्य्वस्था को ही सवालों के घेरे मे खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं इसके साथ ही कल जंतर मंतर पर प्रदर्शन मे शामिल अतिथि शिक्षकों की विस्तृत रिपोर्ट शिक्षा विभाग व् विद्यालयों से मांगी गयी है। इस प्रकार इस तरफ समस्याओं के समाधान की बात सार्वजनिक रूप से की जाती है वही उन्हें डराने धमकाने का प्रयास किया जा रहा है।

अतिथि शिक्षकों का कहना है दिल्ली सरकार जल्द ही अनुबन्ध को जारी रखने के आदेश शिक्षा विभाग को दें साथ ही वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए एक निश्चित स्थायी वेतन अप्रैल माह से निर्धारित करने की अनुशंसा करे। 

 

Author credit : Rachna Garg (she can be contacte via rachna_garg82@yahoo.co.in)

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